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सेंट्रल जीएसटी ने 90 केबल ऑपरेटरों को नोटिस भेजा, सर्विस टैक्स के साथ जुर्माने के निर्देश दिए गए

केंद्रीय माल और मरम्मत कर (CGST) विभाग ने जिले के भीतर 90 केबल ऑपरेटरों को नोटिस जारी किया है, उन्हें जुर्माना के साथ 2009 से 2015 तक सेवा कर इकट्ठा करने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। एक साधन पर, प्रत्येक ऑपरेटर को 4 लाख रुपये का नोटिस दिया गया है। पूरी राशि 5 करोड़ के कगार पर है।

इनमें से कुछ केबल ऑपरेटरों ने सीजीएसटी लुधियाना के आयुक्त के साथ नोटिस के खिलाफ अपील दायर की थी, जहां से उनकी अपील खारिज कर दी गई थी। बकाया न जमा करने के नोटिस के भीतर उसकी लंबित अपील की प्रतिकृति मांगी गई है। केबल ऑपरेटरों, विपरीत हाथ पर, सेवा कर दंड की माफी की मांग की है। बता दें कि 2009 में, मध्य की मनमोहन सरकार ने सेवा कर लागू किया था। घेरा के भीतर केवल 10 मिलियन वार्षिक बिक्री वाले लोग शामिल थे। 2014 से, जीएसटी विभाग ने भारी सेवा कर बकाया का नोटिस जारी करना शुरू किया। 2018 में, केबल ऑपरेटर भी सर्विस टैक्स माफी के लिए पठानकोट में त्याग पर चले गए। अगर बात नहीं बनती तो संचालकों ने जीएसटी कमिश्नर की अदालत में अपील की।

इनमें से कुछ ऑपरेटरों ने सरकार से छूट के साथ बकाया जमा करने की योजना के भीतर भी पैसा जमा किया था। हालांकि, 90 ऑपरेटरों की अपील को खारिज करते हुए जुर्माने सहित बकाया जमा करने का नोटिस दिया है, जिसके दौरान उन्हें अदालत के भीतर लंबित अपील के बारे में भी पूछा गया है। उसकी कॉपी भी मांगी गई है। दूसरी ओर, केबल ऑपरेटरों का तर्क है कि केबल टीबी नेटवर्क के संबंध में सरकार की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं।

केबल टीवी ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड की कोई स्पष्ट स्थिति नहीं थी। न ही सेवा कर अधिकारी कोई सूचना देने के लिए तैयार हैं। इस भ्रम के बीच, केबल ऑपरेटर दविंद्र सिंह और ललित डोगरा का तर्क है कि सेवा कर बकाया कम किया जाना चाहिए, लेकिन बकाया लाखों रुपये हैं। पहले से ही केबल उद्योग एक बुरा दौर से गुजर रहा है और अब जुर्माने सहित बकाया जमा करना उनकी समस्या को बढ़ा रहा है।