बिहार और पंजाब में अप्रैल, मई और जून का जीएसटी अपडेट
कोरोना संक्रमण की बदौलत वित्त वर्ष 2020-21 यानी अप्रैल, मई और जून के आधे वर्ष के भीतर राज्य का राजस्व संग्रह गिर गया है। ऐसी स्थिति में, बिहार आगामी जीएसटी परिषद की बैठक के भीतर वर्ष 2020-21 की प्राथमिक तिमाही के लिए मुआवजे की राशि के भुगतान की मांग करेगा।
प्राथमिक तिमाही के बाद से लगभग डेढ़ महीना हो गया है, लेकिन राज्य को अभी तक इस साल का मुआवजा नहीं दिया गया है। वाणिज्य कर विभाग का अनुमान है कि राज्य को मुआवजे के रूप में 600 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।
राज्य को 5,307 करोड़ मिले
2019-20 में जीएसटी मुआवजे के रूप में। बिहार को पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के भीतर जीएसटी मुआवजे के रूप में 5,307 करोड़ रुपये मिले हैं। इसकी आखिरी किस्त पिछले महीने सरकार को 425 करोड़ रुपये मिली थी। हालांकि, पिछले वित्तीय वर्ष के भीतर, राज्य सरकार का अपना जीएसटी संग्रह लक्ष्य के कगार पर था, अगर पेट्रोकेमिकल उत्पादों से वैट संग्रह भी शामिल था, तो बजट के अनुकूल राजस्व संग्रह था। कोरोना का असर पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च में दिखना शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि जीएसटी के लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रति वर्ष 14 प्रतिशत कर वृद्धि की गारंटी दी है।
कम संग्रह की स्थिति में मुआवजे का प्रावधान किया गया था। जीएसटी के तहत बिहार का कुल संग्रह 2019-20 में 16,008.46 करोड़ रुपये था, जबकि मध्य में 21,315.60 करोड़ की गारंटी थी। इस मामले के दौरान, 2019-20 के संग्रह के भीतर 5,307.14 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।
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