सभी वस्तुओं पर समान जीएसटी लगाया जाए
देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लॉकडाउन से पीड़ित थी। विशेषकर व्यापारियों को बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि, लॉकडाउन ने सभी के लिए चीजें खराब कर दीं। जब व्यवसायियों को व्यवसाय बंद कर दिया गया, तो गरीबों का उपयोग ख़त्म हो गया। पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने भी हर क्षेत्र में अपना गौरव बढ़ाया है। महिलाएं भी जानकारों के सामने आई हैं। आज कई महिलाओं ने अपना व्यवसाय करके खुद को सफल उद्यमी के रूप में स्थापित किया है। महिला उद्यमी हर व्यवसाय में कॉल करने का प्रयास करती हैं। ब्यूटीशियन केवल क्षेत्र के भीतर ही नहीं है, बल्कि इसके अतिरिक्त एक मानक व्यवसायी भी है, जो अपने परिवार के लिए जीवन यापन कर रही है। महिला उद्यमियों का कहना है कि सरकार को एक वस्तु में समान रूप से जीएसटी लगाना चाहिए। ताकि व्यवसायियों को राहत मिल सके। लेकिन सरकार ने एक ही सामान के भीतर दो तरह के जीएसटी लगाकर कारोबारियों के मुद्दों को बढ़ा दिया है। सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए।
एक तरफ, सरकार ने इंजन पंपों के भीतर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया है और इसके विपरीत, इंजन भागों के भीतर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर, यह व्यापारियों के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है। सरकार को इस बजट के दौरान एक वस्तु पर एक समान जीएसटी लगाना चाहिए। एक समतुल्य समय पर, जीएसटी को और अधिक सुलभ बनाया जाना चाहिए। महिला कारोबारियों को टैक्स में भी राहत मिल सकती है। ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए और पारित किया जाना चाहिए। ताकि महिलाओं को व्यवसाय के क्षेत्र में भी आगे लौटने का मौका मिल सके।
केंद्र सरकार को इस बजट के दौरान महिला उद्यमियों के लिए एक विशेष पैकेज निर्धारित करना चाहिए। महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अलग नीति को कॉल को चाक-चौबंद किया जाना चाहिए। जीएसटी ने कारोबार को उलझा रखा है। जीएसटी रिटर्न को मासिक रूप से सरल किया जाना चाहिए। सरकार को कर रियायतों के लिए एक मजबूत नीति तैयार करनी चाहिए। बैंकों द्वारा ऋण और ईएमआई की सुविधा दी जानी चाहिए।
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