हाई कोर्ट ने सोम डिस्टिलरीज के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी
मध्य प्रदेश की सर्वोच्च अदालत ने शराब के आरोपों का सामना कर रहे शराब निर्माता सोम डिस्टिलरीज को अंतरिम राहत दी है। इसके तहत अगले आदेश तक वसूली और गिरफ्तारी से जुड़ी सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। मामले की बाद की सुनवाई 5 अगस्त को होने जा रही है।
बुधवार को यह मामला न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। इस दौरान याचिकाकर्ता सोम डिस्टिलरीज की ओर से अधिवक्ता मुकेश कुमार अग्रवाल ने याचिका प्रस्तुत की। उन्होंने तर्क दिया कि जीएसटी विभाग अधिक राशि जमा करने की मांग कर रहा है, जबकि उन्हें निर्धारित कर जमा करने की आवश्यकता है। अन्य कंपनी कर्मियों को कर का भुगतान न करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है। जबकि जीएसटी विभाग ने अनुमान के बिना संग्रह किया है, जो गलत है। उन्होंने इस वसूली को रोकने का आग्रह किया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद, अदालत ने जीएसटी विभाग को जांच जारी रखने की स्वतंत्रता दी और बाद की सुनवाई तक कॉर्पोरेट के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।
मामला क्या है?
जीएसटी खुफिया अधिकारियों ने सोम डिस्टिलरीज भोपाल के सीईओ जीडी अरोड़ा को 30 जुलाई को 30 करोड़ रुपये की चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया। अधिकारियों के साथ मिलकर, कॉरपोरेट ने लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान बिना टैक्स के शराब मुक्त हैंड सैनिटाइज़र की आपूर्ति की। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पहले ही शराब कारोबारी और फर्म के प्रमोटरों जगदीश अरोड़ा, उनके भाई अजय अरोड़ा के अलावा विनय कुमार को गिरफ्तार किया है, जो कंपनी के भीतर निदेशक के रूप में काम करते हैं। फर्म ने आठ करोड़ रुपये जमा किए हैं। DGGI ने शराब युक्त हैंड सैनिटाइज़र को जब्त कर लिया है। इनकी कीमत काफी 20 करोड़ है।
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