
हाई रिकॉर्ड कलेक्शन दिसंबर 2020 पीछे के तीन कारण है
दिसंबर 2020 में माल और सेवा कर अर्थात जीएसटी में 11.6 प्रतिशत की बढ़त मिली है। अगर हम इस प्रतिशत को रुपए में बदलने के बाद भारत को दिसंबर 2020 में 1.15 लाख करोड रुपए की बढ़त मिली है। हम इस पोस्ट में यह जानेंगे कि दिसंबर 2020 में इतनी बड़ी उछाल के तीन मुख्य कारण क्या है। हमारे एक्सपर्ट्स ने इसके पीछे कारण जानने के लिए कई विशेषज्ञों से बात की और उसके पीछे के तीन मुख्य कारण बताए गए। तीन मुख्य कारण जानने के लिए इस विषय को आखरी तक पढ़ते रहिए।
उत्सव की बिक्री और restocking
पूरी दुनिया में महामारी के कारण हर देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत में जीएसटी दिसंबर 2020 ओर महीनों से ज्यादा अधिक बढ़त पाकर इस बार सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन का रिकॉर्ड बनाया है।
नवंबर में त्योहारों की बिक्री और विक्रेताओं को बेचे जाने वाले सामान पर लिए जाने वाला परिणाम स्वरूप बंपर जीएसटी दिसंबर 2020 में बड़ा कारण बताया गया है। यहां पर यह बताना चाहिए कि जो दिसंबर में बढ़त मिली है वह नवंबर महीने का लेनदेन की वजह से मिली है।
डेलोइट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एमएस मणि उन्होंने कहा “जीएसटी संग्रह में जारी उठापटक अर्थव्यवस्था की लचीलापन में विश्वास दिलाएगा और इंगित करता है कि व्यावसायिक गतिविधियाँ पूरी तरह से फिर से शुरू हो गई हैं और वस्तुओं और सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है।”
आयात होने से जीएसटी में बढ़त
भारत सरकार का कहना है कि घरेलू लेनदेन की वजह से जीएसटी संग्रह में केवल 8% की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर बाहर से आयात करने से जीएसटी में 27% की वृद्धि हुई है। इसी प्रतिशत को अगर हम रुपए में बदल के देखे तो दिसंबर 2020 में भारत में आयात होने से जीएसटी में 27,050 करोड रुपए था। और इसी आंकड़े को 2019 लगभग 21 295 करोड रुपए था। हमारे विशेषज्ञ एमएस मणि ने कहा कि जब भी आयात पर जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होती है, तब यह इस बात का संकेत देती है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हमें सामान्य गति प्राप्त होने वाली है।
परंतु जो आयात का पिछले कुछ वर्ष का डाटा है वह कुछ और ही बयान करता है। जैसे कि पिछले साल नवंबर 2020 में आयात में 13.33% की गिरावट हुई थी। और अप्रैल नवंबर 2020 में आयात में 33.65% की गिरावट देखी गई थी।
वृद्धि विरोधी चोरी सतर्कता
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले समय से सरकार ने कर चोरी के खिलाफ सतर्कता बढ़ाई है। सरकार ने पिछले कुछ महीनों से फर्जी बिल देने वालों के खिलाफ सतर्कता दिखाई है।
अक्टूबर और नवंबर 2020 में जिन लोगों ने जीएसटी 3b रिटर्न दाखिल नहीं किया उनके खिलाफ भारत सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। लोगों ने जीएसटी 3b रिटर्न दाखिल नहीं किया उनकी संख्या 1.63 लाख है। इन सभी लोगों के पंजीकरण भी रद्द कर दिए गए हैं। और दूसरा मुख्य पहलू जो लोग सरकारी नौकरी करते हुए सरकार को धोखा दे रहे थे उनको भी उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। जिसमें जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय और सीजीएसटी कमिश्नर ने 1 महीने के अंदर 5 चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक महिला सहित 164 धोखेबाजो को गिरफ्तार किया गया है।
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