राज्य जीएसटी को कोरोना अवधि के भीतर चार महीनों में 730 करोड़ रुपये की चोट का सामना करना पड़ा, व्यवसाय भी ध्वस्त हो गया
कोरोना अवधि के भीतर नष्ट हो चुके व्यवसाय का प्रभाव अब शहर के राजस्व संग्रह के भीतर प्रतिबिंबित होता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले चार महीनों के भीतर, जीएसटी जमा हुआ है, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष के बराबर महीने की तुलना में 46% है। इससे करीब 730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राज्य के वस्तु एवं सेवा कर विभाग के अधिकारी कर में भारी गिरावट से परेशान हैं। इस साल फरवरी से अप्रैल तक, जिले के भीतर लगभग 13,500 व्यापारियों ने केवल रिटर्न दाखिल नहीं किया। हजार व्यापारियों ने निल में रिटर्न दाखिल किया है। निल ऐसे रिटर्न को संदर्भित करता है जिसके दौरान यह कहा जाता है कि व्यवसायी ने न तो खरीदा और न ही बेचा। यह उनके लिए कोई दायित्व नहीं बनाता है।
उन्हें नोटिस जारी किया गया है। लेकिन विभाग अतिरिक्त रूप से समझता है कि इस नुकसान को पकड़ना मुश्किल है। विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019-20 के भीतर, अप्रैल से जुलाई तक, 1578.70 करोड़ रुपये कर एकत्र किए गए, जबकि 2020-21 में, अप्रैल से जुलाई तक केवल 848.43 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।
मासिक राजस्व में गिरावट
Month | Year 2019- 2020 | Year 2020- 2021 | Decline (in Crore) |
---|---|---|---|
April | 340 crores | 31 crores | 309 crores |
May | 398 crores | 151 crores | 247 crores |
June | 372 crores | 300 crores | 72 crores |
July | 410 crores | 366 crores | 72 crores |
बड़े पैमाने पर कारोबारियों के रिटर्न की जांच होने जा रही है। राजस्व संग्रह में बड़ी गिरावट के बाद, राज्य जीएसटी आयुक्त ने हजार बड़े व्यापारियों के व्यापार पर शोध करने के लिए एक निर्देश दिया है। इसके अलावा, यहां तक कि ऐसे व्यापारियों की भी जांच होगी, जो अपने रिटर्न में अप्रत्याशित कमी देख रहे हैं। मुख्यालय ने पिछले साल से सबसे बड़े व्यापारियों के रिटर्न को जोनल कार्यालय में भेजा है ताकि इस वर्ष के रिटर्न के साथ उनका मिलान किया जा सके।
तालाबंदी से व्यवसाय भारी प्रभावित हुए। इससे जीएसटी संग्रह में काफी कमी आई है। फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 की कर अवधि से जुड़े लगभग 13,500 रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं किए गए हैं। ऐसे व्यापारियों को नोटिस जारी किया गया है। इन व्यापारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे तुरंत स्वीकार किए गए आयकर रिटर्न के साथ कर जमा करें।
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