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राज्यों को जीएसटी मुआवजे का पूरा भुगतान 1.65 लाख करोड़ जारी किया गया

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राज्यों को जीएसटी मुआवजे का पूरा भुगतान

राज्यों को जीएसटी मुआवजे का पूरा भुगतान 1.65 लाख करोड़ जारी किया गया

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वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि मध्य ने राज्यों को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी मुआवजे का पूरा भुगतान किया है। एक बयान के दौरान, मंत्रालय ने कहा कि उसने समीक्षाधीन राशि के दौरान जीएसटी मुआवजे के रूप में राज्यों को काफी 1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किए। इसमें से मार्च के लिए 13,806 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान के दौरान कहा कि सरकार ने हाल ही में मार्च 2020 के लिए जीएसटी मुआवजा कर के तहत 13,806 करोड़ रुपये जारी किए। इसके साथ, पिछले वित्त वर्ष के लिए जीएसटी मुआवजे के तहत पूरी राशि जारी की गई है। उपकर के रूप में 95,444 करोड़ की वसूली की गई। इस बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 की उपकर राशि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए क्षतिपूर्ति कर के तहत मात्रा जारी करने के लिए अभ्यस्त नहीं थी।

यह ध्यान देने योग्य है कि जीएसटी अधिनियम के तहत, राज्यों को गारंटी दी जाती है कि यदि डोमिनियन डे, 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद पहले पांच वर्षों के भीतर कोई राजस्व हानि हुई है, तो मध्य मुआवजा देगा। कमी की गणना राज्यों द्वारा बीते वर्ष 2015-16 के तहत जीएसटी संग्रह में 14 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के विचार से की गई है।

केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी मुआवजे के रूप में 1,65,302 करोड़ रुपये जारी किए। इसमें से झारखंड में 2219 करोड़ रुपये और बिहार में 5464 करोड़ रुपये हैं। उत्तराखंड, जो झारखंड के साथ अलग हो गया, के पास 3375 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 4521 करोड़ हैं।

केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्यों को मार्च 2020 तक जीएसटी मुआवजे के रूप में 13,806 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस राशि के साथ, वर्ष 2019-20 तक का पूरा मुआवजा राज्यों को जारी कर दिया गया है। वर्ष 2019-20 के लिए जारी मुआवजे की पूरी राशि 1,65,302 करोड़ रुपये है, जबकि वर्ष 2019-20 के दौरान वसूले गए उपकर की पूरी राशि 95,444 करोड़ रुपये थी।

वर्ष 2017-18 के दौरान एकत्र किए गए उपकर का संतुलन और इसलिए वर्ष 2018-19 भी वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए मुआवजा जारी करने के लिए अभ्यस्त नहीं था। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2017-18 से जुड़े शेष IGST साझाकरण की कवायद के एक हिस्से के रूप में, मध्य ने 33,412 करोड़ रुपये भारत के समेकित निधि से मुआवजा कोष में स्थानांतरित कर दिए।

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